वायरलेस संचार तंत्र (Wireless Communication System)

वायरलेस संचार तंत्र या बेतार संचार तंत्र (Wireless Communication System)-

  • बेतार संचार विद्युत चुंबकीय तरंगों के द्वारा संपन्न होता है।
  • विद्युत चुम्बकीय तरंगें (Electro Magnetic Waves)
  • बेतार संचार तंत्र के दो प्रकार है जैसे-
  • 1. लम्बी दूरी का बेतार संचार (Long Range Wireless Communication)-
  • 2. कम दूरी का बेतार संचार या सीमित दूरी का बेतार संचार (Short Range Wireless Communication)


विद्युत चुम्बकीय तरंगें (Electro Magnetic Waves)-
  • विद्युत चुम्बकीय तरंगें गैर यांत्रिक (Non-mechanical) तरंगें होती है जो विद्युत (Electrical Field) और चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic Field) में विचलन उत्पन्न (Create Disturbances) करती है।

  • ये विचलन परस्पर लम्बवत होने के साथ-साथ तरंग संचरण की दिशा के भी लम्बवत (Perpendicular) होते हैं।


विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम (Electromagnetic Spectrum)-

  • विद्युत चुम्बकीय तरंगों की आवृति (Frequency) के परास (Range) को स्पेक्ट्रम करते हैं।


तरंगों के प्रकार (Types of Wave)-

  • (I) रेडियो तरंगें (Radio Wave)
  • (II) सुक्ष्म तरंगें (Micro Wave)
  • (III) अवरक्त तरंगें (Infrared Wave)

  • (IV) दृश्य तरंगें (Visible Rays)
  • (V) पराबैंगनी तरंगें (Ultra Violet Rays)
  • (VI) X-तरंगें (X-Ray)
  • (VII) गामा तरंगें (Gama Ray)


(I) रेडियो तरंगें (Radio Wave)-

  • तरंगदैर्ध्य (Wavelength)- 10^4 से 1 (10^0) मीटर
  • खोजकर्ता (Discoverer)- रेडियो तरंगों की खोज मार्कोनी ने की थी।
  • उपयोग (Use)- रेडियो तरंगों का उपयोग रेडियो संचार (Radio Communication), मोबाइल संचार (Mobile Communication) व रडार (Radar) में किया जाता है।
  • Radar का पूरा नाम अंग्रेजी में = Radio Detection and Ranging
  • Radar का पूरा नाम हिन्दी में = रेडियो डिटेक्शन एंड रेंजिंग
  • 10^0 (10 की घात 0) = 1 मीटर


(II) सुक्ष्म तरंगें (Micro Wave)-

  • तरंगदैर्ध्य (Wavelength)- 1 (10^0) से 10^-3 मीटर
  • खोजकर्ता (Discoverer)- सुक्ष्म तरंगों की खोज हर्ट्ज (Hertz) ने की थी।
  • उपयोग (Use)- सुक्ष्म तरंगों का उपयोग माइक्रोवेव ओवन (Microwave oven), उपग्रह संचार (Satellite Communication) व चिकत्सा क्षेत्र (Medical Field) में किया जाता है।


(III) अवरक्त तरंगें (Infrared Wave)-

  • तरंगदैर्ध्य (Wavelength)- 10^-3 से 10^-6  मीटर
  • खोजकर्ता (Discoverer)- अवरक्त तरंगों की खोज हर्शेल (Herschel) ने की थी।
  • उपयोग (Use)- अवरक्त तरंगों का उपयोग सुदूर संवेदी उपग्रह (Remote Sensing Satellite), टीवी रिमोट (T.V. Remote) व नाइट विजन कैमरे (Night Vision Camera) में किया जाता है।


(IV) दृश्य तरंगें (Visible Rays)-

  • तरंगदैर्ध्य (Wavelength)- 10^-6 से 10^-7  मीटर
  • खोजकर्ता (Discoverer)- दृश्य तरंगों की खोज न्यूटन (Newton) ने की थी।
  • उपयोग (Use)- दृश्य तरंगों का उपयोग दृश्यता (Visibility) व लेजर (LASER) में किया जाता है।
  • LASER का पूरा नाम अंग्रेजी में = Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation
  • LASER का पूरा नाम हिन्दी में = लाइट एंप्लीफिकेशन बाई स्टीमुलेटेड एमिशन ऑफ रेडिएशन (विकिरण के उद्दीप्त उत्सर्जन द्वारा प्रकाश का प्रवर्धन)


(V) पराबैंगनी तरंगें (Ultra Violet Rays)-

  • तरंगदैर्ध्य (Wavelength)- 10^-7 से 10^-8  मीटर
  • खोजकर्ता (Discoverer)- पराबैंगनी तरंगों की खोज रिटर (Ritter) ने की थी।
  • उपयोग (Use)- पराबैंगनी तरंगों का उपयोग बैक्टीरिया एवं सूक्ष्मजीव नष्ट करने में (Destroying Bacteria and Microbes), विटामिन डी के संश्लेषण में (Synthesis of Vit-D) एवं नकली नोटों की जाँच (Testing of Fake Currency) में किया जाता है।


(VI) X-तरंगें (X-Ray)-

  • तरंगदैर्ध्य (Wavelength)- 10^-8 से 10^-11  मीटर
  • खोजकर्ता (Discoverer)-  X-तरंगों की खोज रॉनजन (Rontgen) ने की थी।
  • उपयोग (Use)- X-तरंगों का उपयोग X-Ray मशीन (X-Ray Machine) व हीरा परीक्षण (Testing Diamonds) में किया जाता है।


(VII) गामा तरंगें (Gama Ray)-

  • तरंगदैर्ध्य (Wavelength)-  <10^-11 मीटर
  • खोजकर्ता (Discoverer)- गामा तरंगों की खोज पॉल विलार्ड (Paul Villard) ने की थी।
  • उपयोग (Use)- गामा तरंगों का उपयोग गामा स्कैनिंग (Gama Scanning) व कृत्रिम रेडियोसक्रियता (Artificial Radioactivity) में किया जाता है।


1. लम्बी दूरी का बेतार संचार (Long Range Wireless Communication)-

  • लम्बी दूरी के बेतार संचार के 3 प्रकार है जैसे-
  • (I) व्योम तरंग संचार (Sky Wave Communication)
  • (II) अंतरिक्ष तरंग संचार (Space Wave Communication)
  • (III) उपग्रह संचार (Satellite Communication)


(I) व्योम तरंग संचार (Sky Wave Communication)-

  • व्योम तरंग संचार में आयनमंडल (Ionosphere) का उपयोग किया जाता है।
  • प्रेषित रेडियो तरंगें आयनमंडल तथा पृथ्वी से बार-बार परावर्तित (Reflected) होकर ग्राही एंटीना (Receiver) तक पहुँचती है।
  • आवृति (Frequency)- व्योम तंरग संचार में 3-30 मेगाहर्ट्ज (MHz) आवृति (Frequency) की तरंगों का प्रयोग किया जाता है।
  • गुणवत्ता (Quality)- व्योम तरंग संचार की गुणवत्ता (Quality) अच्छी नहीं होती है।
  • परास (Range)- व्योम तंरग संचार की परास उच्च होती है।
  • व्योम तरंग संचार पृथ्वी की वक्रता (Curvature of Earth) से प्रभावित नहीं होता है।
  • व्योम तरंग संचार के उदाहरण- रेडियो (Radio)


(II) अंतरिक्ष तरंग संचार (Space Wave Communication)-

  • अंतरिक्ष तंरग संचार के तहत तरंगें सम्प्रेषी एंटीना (Transmitting Antenna) से ग्राही एंटीना (Receiver Antenna) तक वायुमंडल (Atmosphere) में सीधे ही या पृथ्वी तल और क्षोभमंडल (Troposphere) से परावर्तन (Reflecting) द्वारा गमन करती है।
  • अंतरिक्ष तरंग संचार दृश्य रेखीय संचार (Line of Sight Communication) होता है।
  • आवृति (Frequency)- अंतरिक्ष तरंग संचार में 30-300 मेगाहर्ट्ज (MHz) आवृति (Frequency) की तरंगों का प्रयोग किया जाता है।
  • गुणवत्ता (Quality)- अंतरिक्ष तरंग संचार की गुणवत्ता व्योम तरंग संचार (Sky Wave Communication) की तुलना में बेहतर होती है।
  • परास (Range)- अंतरिक्ष तरंग संचार की परास तुलनात्मक (Comparatively) रूप से कम होती है।
  • अंतरिक्ष तरंग संचार के उदाहरण- F.M.


(III) उपग्रह संचार (Satellite Communication)-

  • उपग्रह संचार में तरंगों को भूस्थिर संचार उपग्रह (Geo-Stationary Communication Satellite) की ओर प्रक्षेपित किया जाता है।
  • प्रेषित तरंगें (Transmitted Waves) उपग्रह द्वारा अप-लिंक (Up-Link) के माध्यम से प्राप्त की जाती है।
  • उपग्रह पर लगे ट्रांसपोंडर (Transponders) प्रेषित तरंगों का प्रवर्धन (Amplify) करते हैं।
  • ये प्रवर्धित तरंगें डाउन लिंक (Down Link) के माध्यम से पृथ्वी पर ग्राही स्टेशन (Receiver Station) की ओर प्रेषित (Transmitted) कर दी जाती है।
  • अपलिंक (Uplink) और डाउनलिंक (Downlink) की आवृत्तियों को पृथक रखा जाता है।
  • उपग्रह संचार में सूक्ष्म तरंग आवृति (Microwave Frequency) (300 MHz - 300GHz) का उपयोग किया जाता है। जैसे-
  • (1) S बैंड (S-Band) = 2-4 GHz
  • (2) C बैंड (C-Band) = 4-8 GHz
  • (3) X बैंड (X-Band) = 8-12 GHz
  • (4) Ku बैंड (Ku-Band) = 12-18 GHz
  • (5) Ka बैंड (Ka-Band) = 27-40 GHz
  • उच्च आवृत्ति बैंड (Higher Frequency Band) का उपयोग करने से सिग्नल की गुणवत्ता (Quality) बढ़ती है और एंटीना (Antenna) का आकार छोटा होता है। लेकिन खराब मौसम (Bed Weather) में सिग्नल प्रभावित (Affected) होता है।
  • किसी सिग्नल को सम्पूर्ण पृथ्वी पर सम्प्रेषित (Transmit) करने के लिए 120 डिग्री पर न्यूनतम 3 भू-स्थिर उपग्रहों (Geo-Stationary Satellites) की आवश्यकता होती है।
  • उपग्रह संचार के उदाहरण- चीवी सिग्नल (TV Signals)


2. कम दूरी का बेतार संचार या सीमित दूरी का बेतार संचार (Short Range Wireless Communication)-

  • कम दूरी के बेतार संचार या सीमित दूरी के बेतार संचार के 5 प्रकार है जैसे-
  • (I) वाई-मैक्स (Wi-Max)
  • (II) वाई-फाई (Wi-Fi)
  • (III) ब्लूटूथ (Bluetooth)
  • (IV) एनएफसी (NFC)
  • (V) लाई-फाई (Li-Fi)


(I) वाई-मैक्स (Wi-Max)-

  • Wi-Max Full Form = Wireless Maximum / World Wide Interoperability for Microwave Access
  • Wi-Max का पूरा नाम = माइक्रोवेव एक्सेस के लिए वर्ल्डवाइड इंटरऑपरेबिलिटी
  • नेटवर्क (Network)- एक शहर के सूचना एवं संचार तकनीकी (Information and Communication Technology- ICT) उपकरणों को जोड़ने के लिए बनाया गया नेटवर्क है।
  • परास (Range)- 50-60 किलोमीटर
  • स्पीड (Speed)- 100Mbps
  • आवृति (Frequency)- 2.3, 2.5, 3.5, 3.8 GHz
  • IEEE मानक (IEEE Standard)- 802.16
  • उपयोग (Use)- Wi-Max का उपयोग इंटरनेट सुविधान (Internet Facility) के लिए किया जाता है।


(II) वाई-फाई (Wi-Fi)-

  • Wi-Fi Full Form = Wireless Fidelity
  • Wi-Fi का पूरा नाम = वायरलेस फिडेलिटी
  • नेटवर्क (Network)- एक संस्थान या इमारत के सूचना एवं संचार तकनीकी (Information and Communication Technology- ICT) उपकरणों को जोड़ने के लिए बनाया गया नेटवर्क है।
  • परास (Range)- वाईफाई की परास 30-50 मीटर तक होती है।
  • स्पीड (Speed)- वाईफाई की स्पीड लगभग 1 Gbps होती है।
  • आवृति (Frequency)- वाईफाई की आवृति 2.4, 5 GHz होती है।
  • IEEE मानक (IEEE Standard)- वाईफाई का IEEE मानक 802.11 होता है।
  • उपयोग (Use)- वाईफाई का उपयोग इंटरनेट सुविधा (Internet Facility) व फाइल ट्रांसफर (File Transfer) के लिए किया जाता है।


(III) ब्लूटूथ (Bluetooth)-

  • नेटवर्क (Network)- एक कमरे में सूचना एवं संचार तकनीकी (Information and Communication Technology- ICT) उपकरणों को जोड़ने के लिए बनाया गया नेटवर्क है।
  • परास (Range)- ब्लूटूथ की परास 10 मीटर तक होती है।
  • स्पीड (Speed)- ब्लूटूथ की स्पीड 24 Mbps तक होती है।
  • आवृति (Frequency)- ब्लूटूथ की आवृति 2.4 GHz होती है।
  • IEEE मानक (IEEE Standard)- ब्लूटूथ का IEEE मानक 802.15 होता है।
  • उपयोग (Use)- ब्लूटूथ का उपयोग इंटरनेट सुविधा (Internet Facility) व फाइल ट्रांसफर (File Transfer) के लिए किया जाता है।


(IV) एनएफसी (NFC)-

  • NFC Full Form = Near Field Communication
  • NFC का पूरा नाम = नियर फील्ड कम्युनिकेशन
  • नेटवर्क (Network)- किन्हीं दो अतिनिकट स्थित सूचना एवं संचार तकनीकी (Information and Communication Technology) उपकरणों के मध्य स्थापित नेटवर्क है।
  • परास (Range)- NFC की परास 2-5 cm होती है।
  • स्पीड (Speed)- NFC की स्पीड 424 Kbps होती है।
  • आवृति (Frequency)- NFC की आवृति 13.56 MHz होती है।
  • उपयोग (Use)- NFC का उपयोग 'वाणिज्यक भुगतान' (Commercial Payment) के लिए किया जाता है।


(V) लाई-फाई (Li-Fi)-

  • Li-Fi Full Form = Light Fidelity
  • Li-Fi का पूरा नाम = लाइट फिडेलिटी
  • Li-Fi एक विजिबल लाइट कम्युनिकेशन (Visible Light Communication- VLC) सिस्टम है।
  • परास (Range)- Li-Fi की परास 10 मीटर होती है।
  • स्पीड (Speed)- Li-Fi की स्पीड लगभग > 1Gbps की होती है।
  • तरंगदैर्ध्य (Wavelength)- Li-Fi की तरंगदैर्ध्य 380-780 nm तक होती है।
  • आवृति (Frequency)- Li-Fi की आवृति 380-780 THz होती है।
  • IEEE मानक (IEEE Standard)- Li-Fi का IEEE मानक 802.11 होता है।
  • आवश्यक उपकरण (Required Equipment)- Li-Fi के लिए LED बल्ब (LED Bulb), फोटो डिटेक्टर (Photo Detector), लैंप ड्राइवर (Lamp Driver) या LED ड्राइवर (LED Driver) आदि उपकरणों की आवश्यकता होती है।


लाई-फाई के लाभ (Benefits of Li-Fi)-

  • विस्तृत आवृत्ति स्पेक्ट्रम (Large Frequency Spectrum)
  • बेहतर गोपनीयता (Better Privacy)
  • अधिक सुरक्षित (More Secure)
  • कम इंटरफेरेंस (Less Interference)
  • उच्च आवृत्ति के कारण उच्च स्पीड (High Speed Due to High Frequency)
  • रेडियो तरंगों की तुलना में स्वास्थ्य के लिए कम हानिकारक (Less Harmful for Health Then Radio Waves)


लाई-फाई की सीमाएं (Limitations of Li-Fi)-

  • Li-Fi की परास कम (Less Range) होती है।

  • Li-Fi से अंधेरे में इंटरनेट नहीं चलता (No Internet in Dark) है।


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