क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)

क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency)-
    • क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency)
    • क्रिप्टोक्यूरेंसी की कार्यप्रणाली (Working Process  of Cryptocurrency)
    • क्रिप्टोकरेंसी के लाभ (Advantages of Cryptocurrency)
    • क्रिप्टोकरेंसी की सीमाएं (Limitations of Cryptocurrency)
    • भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in India)


    क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency)-

    • क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो डिजिटल (Digital) अथवा आभासी (Virtual) स्वरूप में होती है जिसमें सुरक्षित लेनदेन के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग किया जाता है तथा जिसे जारी करने अथवा विनियमित करने वाली कोई केंद्रिकृत संस्था या एजेंसी नहीं होती है बल्कि क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को दर्ज करने तथा नयी मुद्रा इकाइयां जारी करने के लिए एक विकेंद्रीकृत प्रणाली 'ब्लॉकचेन तकनीक' (Blockchain Technology) का उपयोग करती है।
    • क्रिप्टोकरेंसी एक "पीयर टू पीयर डिजिटल लेनदेन प्रणाली" (Peer to Peer Digital Payment System) है जो लेनदेन को सत्यापित करने के लिए बैंक पर निर्भर नहीं होती है जब कोई व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करता है तो यह लेनदेन एक सार्वजनिक बहिखाते (Public Ledger) में दर्ज होता है क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल वॉलेट (Digital Wallets) में जमा रहती है।
    • विश्व की पहली क्रिप्टोकरेंसी 'बिटकॉइन' (Bitcoin) है।
    • बिटकॉइन (Bitcoin) को सन् 2009 में पेश किया गया था।
    • क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण- बिटकॉइन (Bitcoin), इथरम (Ethereum), लिटकॉइन (Litecoin), डॉजकॉइन (Dogecoin)


    क्रिप्टोक्यूरेंसी की कार्यप्रणाली (Working Process  of Cryptocurrency)-

    • क्रिप्टोकरेंसी एक ब्लॉकचेन नामक सार्वजनिक बहीखाता प्रणाली पर आधारित होती है जिसमें लेनदेन का समस्त रिकॉर्ड क्रिप्टोकरेंसी धारको के द्वारा रखा जाता है तथा निरंतर अपडेट किया जाता है।
    • क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग नामक प्रक्रिया से उत्पन्न की जाती है जिसमें कम्प्यूटेशन क्षमता का उपयोग कर जटिल गणितीय समस्याएँ सुलझायी जाती हैं जिससे कॉइन उत्पन्न होते हैं।
    • व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी किसी बिचौलिये (Brokers) से भी खरीद सकता है तत्पश्चात उसे अपने क्रिप्टोग्राफिक वॉलेट (Cryptographic Wallets) में रखना चाहे तो रख सकता है और चाहे तो उसे वहाँ से खर्च कर सकता है।


    क्रिप्टोकरेंसी के लाभ (Advantages of Cryptocurrency)-

    • क्रिप्टोकरेंसी स्व-संचालित (Self-Governed) एवं स्व-प्रबंधित (Self-managed) होती है।
    • सुरक्षित (Secure) और गोपनीय (Private)- ब्लॉकचेन खाताबही जटिल गणितीय कम्प्यूटेशन पर निर्भर करता है जिन्हें डिकोड करना कठिन होता है। यह सामान्य इलेक्ट्रॉनिक देनदेन  की तुलना में क्रिप्टोकरेंसी को अत्यधिक सुरक्षित बनाता है।
    • विकेंद्रीकृत (Decentralized)- विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी को स्थिर, सुरक्षित और एकाधिकार से मुक्त (Monopoly Free) रखता है जो इसे सरकार नियंत्रणाधीन मुद्राओं से अलग करता है। क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन वित्तीय संस्थान में तकनीकी समस्या होने से अप्रभावित रहता है जैसे कि बैंक के सिस्टम डाउन है या मशीनें ठीक से काम नहीं कर रही है।
    • लेनदेन की उचित दर (Cost-effective mode of transaction)- उपयोगकर्ता के द्वारा भुगतान किया जाने वाला लेनदेन शुल्क लगभग नगण्य अथवा शून्य होता है। क्योंकि इसमें लेनदेन को सत्यापित करने के लिए वीजा (VISA) या पे-पल (PayPal) जैसी तीसरे पक्ष की आवश्यकता नहीं होती है।
    • सुचारू रूप से मुद्रा विनिमय (Currency exchanges finish smoothly)- क्रिप्टोकरेंसी को अमेरिकी डॉलर (US Dollar), यूरोपीय यूरो (European Euro), ब्रिटिश पाउंड (British Pound), भारतीय रुपया (Indian Rupee) या जापानी येन (Japanese Yen) जैसी कई मुद्राओं से खरीदा जा सकता है।
    • महंगाई से अप्रभावित (Protection from Inflation)- मुद्रास्फीति के कारण कई मु्द्राओं में समय के साथ अवमूल्यन हो जाता है अर्थात् उनकी क्रय क्षमता कम हो जाती है।
    • धन का आसानी से लेनदेन (Easy Transfer of Funds)- क्रिप्टोकरेंसी में अंतर्राष्ट्रीय या घरेलू लेनदेन अत्यधिक तीव्र होते हैं क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन को सत्यापित करने की प्रक्रिया में अत्यधिक कम समय लगता है।
    • क्रिप्टोकरेंसी में फंड ट्रांसफर करने की कोई सीमा नहीं होती है।


    क्रिप्टोकरेंसी की सीमाएं (Limitations of Cryptocurrency)-

    • 1. अवैध लेनदेन (Illegal Transactions)- क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन की गोपनीयता और सुरक्षा अधिक है इसलिए सरकार के द्वारा किसी भी उपयोगकर्ता का उसके क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के माध्यम से पता लगाना अत्यधिक मुश्किल हो जाता है अतीत में कई अवैध सौदों के दौरान बिटकॉइन का उपयोग भुगतान (पैसे का आदान-प्रदान) करने के लिए किया जाता है जैसे कि डार्क वेब पर ड्रग्स खरीदना या काले धन का परिवर्तन करना।
    • 2. डेटा खोने का जोखिम (Risk of Data Loss)- यद्यपि क्रिप्टोकरेंसी नकदी या बैंक तिजोरी से अधिक सुरक्षित है लेकिन अगर कोई उपयोगकर्ता अपने वॉलेट की निजी कुंजी या पासवर्ड (Private Key/ Password) भूल जाता है तो फिर कुछ नहीं किया जा सकता है। वॉलेट की निजी कुंजी या पासर्वड भूल जाने पर वॉलेट लॉक रहेगा और वॉलेट में रखे क्रिप्टोकरेंसी या डेटा को एक्सेस नहीं किया जा सकेगा।
    • 3. क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में हेरफेर (Manipulation in Value of Cryptocurrency)- बाजार में कुछ क्रिप्टोकरेंसी का प्रवाह और मात्रा अभी भी उनके डेवेलपर्स और कुछ संगठनों के द्वारा नियंत्रित होती है ये क्रिप्टोकरेंसी धारक क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में भारी उतार-चढ़ाव के लिए क्रप्टोकरेंसी हेरफेर कर सकते हैं यहाँ तक कि सर्वाधिक लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन (Bitcoin) आदि में भी इस हेरफेर का जोखिम है। जैसे- बिटकॉइन का मूल्य 2017 में कई बार दोगुना हो गया था।
    • 4. रीफंड अथवा लेनदेन निरस्तीकरण नहीं (No Refund or Cancellation)- यदि किन्ही पक्षों के बीच कोई विवाद है या यदि कोई व्यक्ति गलती से गलत वॉलेट में धन ट्रान्सफर कर देता है तो क्रिप्टोकरेंसी का रीफंड सम्भव नहीं है।
    • 5. ऊर्जा की उच्च खपत (High Consumption of Energy)- क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए अत्यधिक कम्प्यूटेशन पॉवर और विद्युत की आवश्यकता होता है जिससे यह अत्यधिक विद्युत खपत करता है तथा माइनिंग को सामान्य कम्प्यूटर से नहीं किया जा सकता है।


    भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in India)-

    • सन् 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने बैंकों और अन्य विनियमित संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करने से प्रतिबंधित कर दिया था।
    • सन् 2019 में अंतर-मंत्रालयी समिति (Inter-ministerial committee) ने सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी।
    • सन् 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India) ने क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार पर प्रतिबंध को असंवैधानिक करार दिया था।
    • सन् 2021 में भारत की संप्रभू डिजिटल मुद्रा बनाने और अन्य सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए "क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021" (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill 2021) पेश किया गया।
    • निष्कर्षत भारत में क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन का अभाव है परन्तु यह अवैध नहीं है।
    • इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) के द्वारा जारी "ब्लॉकचेन पर राष्ट्रीय रणनीति मसौदा 2021" (Draft National Strategy on Blockchain 2021) में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी को पारदर्शी, सुरक्षित और कुशल प्रौद्योगिकी के रूप में सराहा जो इंटरनेट पर विश्वास को पुष्ट करती है।
    • निष्कर्ष (Conclusion)- फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी कानूनी वित्तीय संपत्ति है लेकिन अल-साल्वाडोर (El Salvador) और मध्य अफ्रीकी गणराज्य (Central African Republic) नामक देशों को छोड़कर अन्य देशों के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी लेनदेन के लिए मान्यता नहीं दी गई है अर्थात् क्रिप्टोकरेंसी संपत्ति के रूप में मूल्य रखती है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया जा सकता है लेकिन अभी तक वस्तुओं की खरीद-बिक्री के लिए मुद्रा के रूप में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग नहीं किया गया जा सकता है।
    • वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी एक संपत्ति है मुद्रा नहीं है।
    • भारत सरकार ने क्रिप्टो-परिसंपत्तियों के द्वारा अर्जित लाभ पर 30% कर आरोपित किया है।

    • डिजिटल रुपया जिसे सैंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा (Central Bank Digital Currency- CBDC) के रूप में भी जाना जाता है को 01 दिसम्बर 2022 को पेश किया गया है।

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