ब्लॉकचेन तकनीक (Blockchain Technology)

ब्लॉकचेन तकनीक (Blockchain Technology)-

  • ब्लॉकचेन तकनीक (Blockchain Technology)
  • ब्लॉकचेन तकनीक का इतिहास (History of Blockchain Technology)
  • ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी की कार्यप्रणाली (Methodology of Blockchain Technology)
  • ब्लॉकचेन तकनीक का महत्व (Importance of Blockchain Technology
  • ब्लॉकचेन तकनीक के अनुप्रयोग (Applications of Blockchain Technology)


ब्लॉकचेन तकनीक (Blockchain Technology)-

  • ब्लॉकचेन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जो एक सार्वजनिक डेटाबेस में संग्रहीत डिजिटल डेटा वाले ब्लॉकों की एक श्रृंखला की ओर ले जाती है।
  • ब्लॉकचेन लेनदेन का एक डिजिटल रिकॉर्ड है।
  • ब्लॉकचेन का यह नाम ब्लॉकचेन की संरचना से आता है जिसमें व्यक्तिगत रिकॉर्ड जिन्हें ब्लॉक (Block) कहा जाता है।
  • ब्लॉक एक सूची में एक साथ जुड़े हुए होते हैं जिन्हें एक श्रृंखला (Chain) कहा जाता है।


ब्लॉकचेन तकनीक का इतिहास (History of Blockchain Technology)-

  • ब्लॉकचेन तकनीक की शुरुआत सन् 1991 में क्रिप्टोग्राफर (Cryptographer) स्टुअर्ट हाबर (Stuart Haber) और डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटा (W. Scott Stornetta) के द्वारा की गई थी।
  • स्टुअर्ट हाबर पेशे से क्रिप्टोग्राफर है।
  • डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटा पेशे से क्रिप्टोग्राफर और कम्प्यूटर साइंटिस्ट है।
  • सातोशी नाकामोटो (Satoshi Nakamoto) नामक एक व्यक्ति ने 2008 में पहली बार "बिटकॉइन ए पीयर टू पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम" (Bitcoin A Peer to Peer Electronic Cash System) नामक व्हाइटपेपर जारी किया था।
  • मुख्य रूप से व्हाइटपेपर या श्वेत पेपर (Whitepaper) में पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रानिक कैश संस्करण (Peer to Peer Electronic Cash Version) का वर्णन किया था जिसे बिटकॉइन के रूप में जाना गया।
  • पहली बार इस तकनीक का प्रयोग सन् 2009 में क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) बिटकॉइन (Bitcoin) के लेन-देन में किया गया था।


ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी की कार्यप्रणाली (Methodology of Blockchain Technology)-

  • ब्लॉकचेन एक तकनीक है जिसकी सहायता से किसी भी प्रकार की सूचना का एक खुला और विकेंद्रीकृत बहीखाता (Open and Decentralized Ledger) तैयार किया जा सकता है।
  • ब्लॉकचेन नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के पास सूचना का यह रिकॉर्ड मौजूद होता है।
  • यह बहीखाता या रिकॉर्ड सूचनाओं के अलग-अलग ब्लॉक की एक श्रृंखला के रूप में होता है।
  • किसी लेनदेन या सूचना का ब्लॉक में दर्ज होना 2 चरणों में संपन्न होता है। जैसे-
    • (I) माइनर्स (Miners)- माइनर्स ब्लॉक बनाते हैं।
    • (II) नोड्स (Nodes)- नोड्स माइनर्स के द्वारा बनाये गये ब्लॉक को वेरिफाई कहते हैं।
  • नोड्स ब्लॉकचेन नेटर्वक से जुड़े ऐसे लोग है जिनके पास किसी विशेष ब्लॉकचेन नेटवर्क का रिकॉर्ड उपलब्ध रहता है।
  • एक ब्लॉक के निर्माण के लिए जटिल कम्प्यूटर कैलकुलेशन (Complex Computer Calculations) या माइनिंग (Mining) की जाती है माइनिंग (Mining) करने वाले माइनर्स कहलाते हैं। माइनर्स को ऐसा करने की एवज में कॉइन मिलते हैं।
  • ब्लॉकचेन तकनीक में कोई भी सूचना ब्लॉक के रूप में होती है।
  • प्रत्येक ब्लॉक में मुख्यतः तीन प्रकार की सूचनाएं होती है। जैसे-
    • (I) ब्लॉक की मुख्य सूचना (The key information of the block)
    • (II) पिछले ब्लॉक की सुरक्षा कुंजी (The security key of the previous block) /(HASH)
    • (III) उस ब्लॉक की सुरक्षा कुंडी (The security key of that block) / (HASH)


ब्लॉकचेन तकनीक की सहायता से सूचना के साथ छेड़छाड़ करना या उसे बदलना लगभग नामुमकिन है। (It is almost impossible to tamper with or change information with the help of blockchain technology)-

  • 1. ब्लॉकचेन श्रृंखला में किसी भी नए ब्लॉक के जड़ने पर उस ब्लॉक में उसकी पूर्व के ब्लॉक की सुरक्षा कुंजी संलग्न हो जाती है। इस प्रकार किसी ब्लॉक की सूचना से छेड़खानी करने पर उस ब्लॉक की सुरक्षा कुंजी परिवर्तित हो जाती है तथा उस ब्लॉक का श्रृंखला के अगले ब्लॉक से संपर्क टूट जाता है। जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि किसी विशेष ब्लॉक से छेड़छाड़ की गई है।
  • 2. इसके अतिरिक्त क्योंकि ब्लॉकचेन का रिकॉर्ड नेटवर्क में उपस्थित हजारों विभिन्न नोड्स के पास भी मौजूद होता है। अतः किसी एक रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करके सूचना में अंतिम रूप से बदलाव करना संभव नहीं है। रिकॉर्ड रखने की वह विकेंद्रीकृत व्यवस्था ब्लॉकचेन तकनीक को बेहद सुरक्षित बनाती है। किसी एक रिकॉर्ड में किसी सूचना को बदलने से उस सूचना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता जब तक कि नेटवर्क में उपस्थित आधे से ज्यादा नोड्स उस बदली हुई सूचना को स्वीकार न कर लें।
  • 3. एक नए ब्लॉक के बनने की प्रक्रिया औसतन 10 मिनट में सम्पन्न होती है।


ब्लॉकचेन तकनीक का महत्व (Importance of Blockchain Technology)-

  • 1. अनाधिकृत परिवर्तन व हैकिंग से सुरक्षित- कम्प्यूटिंग पॉवर (Computing Power), इलेक्ट्रिसिटी (Electricity)
  • 2. विश्वसनीय (Reliable) और पारदर्शी (Transparent)- सार्वजनिक बहीखाता (Public Ledger)
  • 3. ब्लॉकचेन तकनीक लेनदेन के लिए किसी तीसरे पक्ष या केंद्रीय प्राधिकरण की आवश्यकता को दूर करती है।
  • 4. विकेंद्रीकरण (Decentralisation)
  • 5. डाटा की निजता की सुरक्षा केवल अभीष्ट सूचना ही मिलेगी न की संपूर्ण जानकारियों तक पहुँच जैसे- आधार कार्ड से केवल जन्मदिन या मूलनिवास या पिता का नाम
  • 6. कम रखरखाव लागत (Low Maintenance Cost)


ब्लॉकचेन तकनीक के अनुप्रयोग (Applications of Blockchain Technology)-

  • 1. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)
  • 2. गवर्नेंस (Governance) जैसे- भूमि अभिलेख (Land Records)
  • 3. बैंकिंग (Banking)
  • 4. बीमा (Insurance)
  • 5. खाद्य आपूर्ति (Food and Supply)
  • 6. हेल्थकेयर (Healthcare) जैसे- स्वास्थ्य रिकॉर्ड (Health Records)
  • 7. ऑटोमोबाइल उद्योग (Automobile Industry)

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