ई-गवर्नेंस के मॉडल (Models of E-Governance)

सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology)-

  • ई-गवर्नेंस (E-Governance)
  • ई-गवर्नेंस के मॉडल (Models of E-Governance)


ई-गवर्नेंस (E-Governance)-

  • सार्वजनिक क्षेत्र के द्वारा सूचना व सेवा प्रदायगी को बेहतर करने तथा निर्णयन प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी को प्रेरित करने तथा सरकार को अधिक जवाबदेह, पारदर्शी व प्रभावी बनाने के लिए सूचना एवं संचार तकनीकी (Information and Communications Technology- ICT) का उपयोग करना ही ई-गवर्नेंस कहलाता है।


ई-गवर्नेंस के मॉडल (Models of E-Governance)-

  • ई-गवर्नेंस के 5 मॉडल है। जैसे-
  • 1. ब्रॉडकास्टिंग मॉडल (Broadcasting Model)
  • 2. कम्पेरेटिव एनालिसिस मॉडल (Comparative Analysis Model)
  • 3. क्रिटिकल फ्लो मॉडल (Critical Flow Mode)
  • 4. ई-एडवोकेसी मॉडल  (E-Advocacy Model)
  • 5. इंटरएक्टिव सर्विस मॉडल या इंटरैक्टिव मॉडल (Interactive Service Model)


1. ब्रॉडकास्टिंग मॉडल (Broadcasting Model)-

  • ब्रॉडकास्टिंग मॉडल में सूचना एवं संचार तकनीकी (Information and Communications Technology- ICT) का उपयोग कर गवर्नेंस या शासन संबंधी वे सूचनाएं जो पहले से सार्वजनिक है उन सूचनाओं या जानकारियों का व्यापक जनप्रसार किया जाता है।

  • ब्रॉडकास्टिंग मॉडल नागरिकों में सरकार के द्वारा प्रदत्त सेवाओं के प्रति जागरूकता में वृद्धि करता है।


2. कम्पेरेटिव एनालिसिस मॉडल (Comparative Analysis Model)-

  • कम्पेरेटिव एनालिसिस मॉडल में गवर्नेंस के क्षेत्र में सर्वोतम तरीकों या प्रक्रियाओं को अपनाया जाता है। तत्पश्चात उन्हें मानक मान अन्य शासनिक या गवर्नेंस क्रियाओं का मूल्यांकन किया जाता है।

  • कम्पेरेटिव एनालिसिस मॉडल के तहत सरकारी नीतियों व योजनाओं को तुलनात्मक विश्लेषण किया जाता है।


3. क्रिटिकल फ्लो मॉडल (Critical Flow Mode)-

  • क्रिटिकल फ्लो मॉडल में संवेदनशील महत्व वाली जानकारी का प्रसार सूचना एवं संचार तकनीकी (Information and Communications Technology- ICT) के माध्यमों से लक्षित लोगों तक किया जाता है। जैसे- लिक्षित ऑडियंस में मीडिया, पीड़ित पक्ष, न्यायिक पीठ अथवा आम जनता हो सकती है।


4. ई-एडवोकेसी मॉडल  (E-Advocacy Model)-

  • इ एडवोकेसी मॉडल में सरकारी नीतियों व कार्यक्रमों के प्रति जनता के दृष्टिकोण को आभासी ऑनलाइन समुदायों के द्वारा प्रकट विचारों व चिंताओं के द्वारा प्रभावित किया जाता है।

  • ई एडवोकेसी मॉडल को मोबिलाइजेशन एंड लॉबिंग मॉडल (Mobilization and Lobbying Model) भी कहा जाता है।


5. इंटरएक्टिव सर्विस मॉडल या इंटरैक्टिव मॉडल (Interactive Service Model)-

  • इंटरएक्टिव सर्विस मॉडल में सरकार के द्वारा प्रदत्त विभिन्न सेवाएं नागरिकों को सीधे उपलब्ध करवाई जाती है।

  • इंटरएक्टिव सर्विस मॉडल के लिए सरकार से उपभोक्ता तथा उपभोक्ता से सरकार (गवर्नमेंट टू कंज्यूमर टू गवर्नमेंट चैनल/Government to Consumer to Government Channel- G2C2G) इंटरेक्टिव चैनल का उपयोग किया जाता है। जैसे- ई मित्र (E-Mitra), एसएसओ (SSO)


ई-गवर्नेंस में अन्तर्क्रियाओं के प्रकार (Types of Interactions in E-Governance)-

  • ई गवर्नेंस में अन्तर्क्रियाओं के 4 प्रकार है। जैसे-
  • 1. गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (Government to Government- G2G) जैसे- e-Office, Email
  • 2. गवर्नमेंट टू सिटीजन (Government to Citizen- G2C) जैसे- E-Mitra (सम्पर्क पोर्टल), SSO
  • 3. गवर्नमेंट टू बिजनेस (Government to Business- G2B) जैसे- E-Tender, Online GST
  • 4. गवर्नमेंट टू एम्प्लॉई (Government to Employee- G2E) जैसे- Pay Manager, शाला दर्पण (Shala Darpan), SSO

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