अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी (Space Technology)-
- अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशन (International Space Missions)-
- 1. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station- ISS)
- 2. इंडियन स्पेस स्टेशन (Indian Space Station)
- 3. तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन (Tiangong Space Station)
- 4. जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope- JWST)
- 5. इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (Event Horizon Telescope)
- 6. ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (Transiting Exoplanet Survey Satellite- TESS)
- 7. स्टारलिंक प्रोजेक्ट (Starlink Project)
- 8. आर्टेमिस मिशन (Artemis Mission)
1. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station- ISS)-
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन एक अंतर्राष्ट्रीय परियोजना है जिसमें 5 स्पेस एजेंसी शामिल है। जैसे-
- (I) अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA)
- (II) रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कॉसमॉस (ROSCOSMOS)
- (III) जापान की अंतरिक्ष एजेंसी (JAXA)
- (IV) यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ESA)
- (V) कैनेडियन स्पेस एजेंसी (CSA)
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन मानव को अंतरिक्ष में निवास की सुविधा उपलब्ध करवाता है। जैसे- प्रयोगशाला (Laboratory), वेधशाला (Observatory) एवं सपोर्ट स्टेशन (Support Station) के रूप में
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन सन् 1998 में प्रक्षेपित किया गया था।
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन लगभग 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है।
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का परिक्रमण काल 92 मिनट है।
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन प्रतिदिन पृथ्वी के 15-16 चक्कर लगाता है।
- सन् 2000 से ही मानव अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर निवास कर रहा है।
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को पृथ्वी से देखा जा सकता है।
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के दो भाग है। जैसे-
- (I) यूनाइटेड स्टेट्स ऑर्बिटल सेगमेंट (United States Orbital Segment)
- (II) रशियन ऑर्बिटल सेगमेंट (Russian Orbital Segment)
2. इंडियन स्पेस स्टेशन (Indian Space Station)-
- इंडियन स्पेश स्टेशन निम्न भू कक्षा (Low Earth Orbit- LEO) में 400 किलोमीटर पर प्रक्षेपित किया जाएगा।
- इंडियन स्पेस स्टेशन का भार 20 टन होगा।
- इंडियन स्पेस स्टेशन का उपयोग अंतरिक्ष अनुसंधान (Space Exploration & Research) में किया जाएगा।
- इंडियन स्पेस स्टेशन को प्रक्षेपित करने की संभावित वर्ष 2030 है।
- तियांगोंग एक चाइनीज स्पेस स्टेशन है।
- तियांगोंग का अर्थ है- स्वर्ग का महल
- तियांगोंग-1 अंतरिक्ष स्टेशन को 15 सितम्बर 2016 में अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था।
- चीन के दो अंतरिक्ष स्टेशन है जैसे तियांगोंग-1, तियांगोंग-2
4. जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope- JWST)-
- जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप, हब्बल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope- HST) का सक्सेसर है। अर्थात् जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को हब्बल टेलीस्कोप के स्थान पर अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया है। या परिवर्तित किया गया है।
- HST = Hubble Space Telescope
- HST = हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी
- हबल स्पेस टेलीस्कॉप का नाम खगोलशास्त्री एडविन हबल के नाम पर रखा गया है।
- जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को दिसम्बर 2021 में अंतरिक्ष में L2 बिन्दु पर प्रक्षेपित किया गया है।
- जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अंतरिक्ष में प्रक्षेपित विश्व की सबसे बड़ी दूरबीन या दूरदर्शी है।
- जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को नासा के द्वारा प्रक्षेपित किया गया है।
5. इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (Event Horizon Telescope)-
- इवेंट होराइजन (Event Horizon)- ब्लैक होल के परितः वह क्षेत्र जिसके गुरुत्वाकर्षण से कोई भी वस्तु प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकती है।
- इवेंट होराइजन टेलीस्कोप नासा के द्वारा सन् 2006 में स्थापित एक अंतरिक्ष दूरदर्शी (Space Telescope) है।
- इवेंट होराइजन टेलीस्कोप की सहायता से ब्लैक होल (Black Hole) व इवेंट होराइजन का अध्ययन किया जाएगा।
- इवेंट होराइजन टेलीस्कोप के द्वारा पहली बार किसी ब्लैक होल की तस्वीर ली गई।
6. ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (Transiting Exoplanet Survey Satellite- TESS)-
- ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट को नासा के द्वारा सन् 2018 में अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था।
- ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइ का उद्देश्य एक्सोप्लेनेट (Exoplanet) की खोज करना है।
7. स्टारलिंक प्रोजेक्ट (Starlink Project)-
- स्टारलिंक कम लागत पर विश्वसनीय, अंतरिक्ष आधारित इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए स्पेसएक्स (SpaceX) की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है।
- स्टारलिंक प्रोजेक्ट के तहत कुल 42000 उपग्रहों को निम्न भू कक्षा (Low Earth Orbit- LEO) में 550 किलोमीटर की ऊँचाई में प्रक्षेपित किया जाएगा।
- स्टारलिंक प्रोजेक्ट को दो चरणों में विभाजित किया गया है। जैसे-
- (I) स्टारलिंक प्रोजेक्ट का पहला चरण- पहले चरण में 12000 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जाएगा।
- (II) स्टारलिंक प्रोजेक्ट का दूसरा चरण- दूसरे चरण में 30000 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जाएगा।
स्टारलिंक प्रोजेक्ट के लाभ (Benefits of Starlink Project)-
- 1. इंटरनेट सेवा में कम विलंबता या लेटेंसी (Latency) (विलंबता = उपभोगकर्ता और सर्वर के बीच समय अंतराल)
- 2. दूरस्थ क्षेत्र में इंटरनेट की विस्तृत पहुँच होगी।
- 3. कम लागत वाली इंटरनेट सेवा उपलब्ध होगी।
- 4. इंटरनेट सेवा विश्व स्तर पर प्रदान की जा सकती है।
स्टारलिंक प्रोजेक्ट की चिंताएं (Concerns of Starlink Project)-
- 1. अंतरिक्ष मलबा या कचरा बढ़ेगा।
- 2. अन्य उपग्रहों और अंतरिक्ष अभियानों के साथ टकराव का खतरा बना रहेगा।
- 3. अंतरिक्ष अध्ययन में कठिनाई आयेगी।
- 4. सैटेलाइ का कवरेज क्षेत्र कम हो जाएगा। (प्रति सैटेलाइट जो क्षेत्र कवरेज किया जाएगा वो कम हो जाएगा।)
8. आर्टेमिस मिशन (Artemis Mission)-
- आर्टेमिस मिशन नासा के द्वारा चलाया जा रहा मिशन है।
- आर्टेमिस मिशन चंद्रमा के लिए मानव मिशन की श्रृंखला है।
- आर्टेमिस मिशन का अपेक्षित प्रक्षेपण वर्ष 2024 है।
- आर्टेमिस मिशन में महिला अंतरिक्ष यात्री व गैर श्वेत व्यक्ति भी चंद्रमा पर भेजे जाएंगे।
- आर्टेमिस मिशन में 11 सदस्य देश शामिल है। जैसे-
- (I) अमेरिका (America)
- (II) ब्रिटेन (Britain)
- (III) कनाडा (Canada)
- (IV) ऑस्ट्रेलिया (Australia)
- (V) न्यूजीलैंड (New Zealand)
- (VI) जापान (Japan)
- (VII) दक्षिणी कोरिया (South Korea)
- (VIII) यूक्रेन (Ukraine)
- (IX) लक्सेम्बर्ग (Luxembourg)
- (X) इटली (Italy)
- (XI) संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates- UAE)
अंतरिक्ष एजेंसियों का पूरा नाम-
- ISRO = Indian Space Research Organisation
- ISRO = भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था
- NASA = National Aeronautics and Space Administration
- NASA = नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन
- JAXA = Japan Aerospace Exploration Agency
- JAXA = जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी
- ESA = European Space Agency
- ESA = यूरोपीय स्पेस एजेंसी
- CSA = Canadian Space Agency
- CSA = कैनेडियन स्पेस एजेंसी