महत्वपूर्ण नैनो पदार्थ (Important Nano Materials)-
- 1. ग्रेफीन (Graphene)
- 2. कार्बन नैनो ट्यूब (Carbon Nano Tube- CNT)
- 3. बकमिन्स्टर फुलरीन (Buckminster Fullerene)
- 4. क्वांटम डॉट्स (Quantum Dots)
1. ग्रेफीन (Graphene)-
- ग्रेफीन कार्बन का क्रिस्टलीय अपररूप है।
- ग्रेफीन की संरचना षट्कोणीय वलयनुमा होती है।
- ग्रेफीन की संरचना 2D होती है।
- ग्रेफीन मजबूत तथा लोचशील होता है।
- ग्रेफीन मुक्त इलेक्ट्रॉन के कारण ताप विद्युत दोनों का सुचालक होता है।
- ग्रेफीन का उपयोग-
- (I) सोलर सेल में
- (II) माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स में
- (III) फोल्डेबल डिस्प्ले में
- (IV) केवलार में
2. कार्बन नैनो ट्यूब (Carbon Nano Tube- CNT)-
- कार्बन के क्रिस्टलीय अपररूप ग्रेफीन की एकल परत से निर्मित बेलनाकार संरचना जिसका व्यास नैनो मीटर पैमाने का होता है। कार्बन नैनो ट्यूब कहलाती है।
- कार्बन नैनो ट्यूब अत्यधिक मजबूत होने के साथ-साथ पर्याप्त लोचशीलता का गुण भी रखती है।
- कार्बन नैनो ट्यूब में लम्बाई तथा व्यास का अनुपात अति उच्च होता है। जैसे- 13,20,00,000 : 1
- कार्बन नैनो ट्यूब का उपयोग-
- (I) बहुलको में
- (II) फ्लैट स्क्रीन डिस्प्ले में
- (III) नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स में
- (IV) भूकंपरोधी मकानों में
3. बकमिन्स्टर फुलरीन (Buckminster Fullerene)-
- कार्बन के क्रिस्टलीय अपररूप फुलरीन का सबसे सामान्य रूप ही बकमिन्स्टर फुलरीन होता है।
- बकमिन्स्टर फुलरीन में कार्बन के 60-70 परमाणु पंचकोणीय या षट्कोणीय पिंजरनुमा फुटबॉल जैसी संरचना में जुड़े होते हैं।
- बकमिन्स्टर फुलरीन एक कठोर पदार्थ है।
- बकमिन्स्टर फुलरीन का उपयोग-
- (I) अतिचालकता में (अति निम्न ताप पर अतिचालक)
- (II) प्राकृतिक गैसों के शुद्धिकरण में
- (III) हल्की बैटरी बनाने में
4. क्वांटम डॉट्स (Quantum Dots)-
- अर्धचालक के कणों का आकार अत्यधिक छोटा कर दिया जाए तो उनमें विशिष्ट प्रकाशिक (ऑप्टिकल) व इलेक्ट्रॉनिक गुण उत्पन्न हो जाते हैं। ये नैनो आकार के कण ही क्वांटम डॉट्स कहलाते हैं।
- क्वांटम डॉट्स का सर्वप्रथम कृत्रिम संश्लेषण MIT के वैज्ञानिकों के द्वारा सन् 1993 में किया गया था।
- क्वांटम डॉट्स का उपयोग-
- (I) सोलर सेल में
- (II) कैंसर थेरेपी में