भारत में ई-गवर्नेंस का विकास (Evolution of E-Governance in India)-
- सन् 1990 में कम्प्यूटरीकरण (Computerization) और डिजिटलीकरण (Digitization) की व्यापक शुरूआत की गई।
- सन् 2006 में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (National E-Governance Plan) की शुरुआत की गई।
- सन् 2014 में ई-क्रांति (E-Kranti) या राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना 2.0 (National E-Governance Plan 2.0) की शुरुआत की गई।
E/M गवर्नेंस हेतु सरकार की पहल (Government Initiatives for E/M- Governance)-
- 1. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (Digital India Program)
- 2. ई-क्रांति (E-Kranti /NeGP 2.0- 2014)
- 3. ई-ऑफिस (E-Office)
- 4. ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल (E-District Portal)
- 5. डिजीलॉकर (Digi Locker)
- 6. भीम ऐप (Bhim App -UPI)
- 7. माय गवर्नमेंट पोर्टल (MyGov Portal)
- 8. ई-पाठशाला (E-Pathshala)
- 9. भारत नेट (BharatNet)
- 10. नारी पोर्टल (Nari Portal)
- 11. राज-स्वान (RajSWAN)
- 12. एसएसओ (SSO)
- 13. ई-मित्र (E-Mitra)
- 14. संपर्क पोर्टल (Sampark Portal)
1. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (Digital India Program)-
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत 1 जुलाई 2015 में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की गई थी।
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को वर्ष 2019 तक कार्यन्वित करने का लक्ष्य रखा गया था।
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं जैसे- भारतनेट, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, औद्योगिक गलियारों आदि के लिये समर्थ बनाया गया है।
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से भारत सरकार ने देश की जनता को सरकारी विभागों से जोड़ने की पहल है।
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था के लिए एक कार्यक्रम है।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की प्रबंधन संरचना-
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक कार्यक्रम प्रंबधन का ढांचा तैयार किया जाएगा।
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के प्रबंधन संरचना के मुख्य घटक में परियोजनाओं को अनुमोदन देने के लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री की अध्यक्षता में डिजिटल इंडिया का एक सलाहकार समूह, कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में शीर्ष समिति, व्यय वित्त समिति गैर योजना व्यय होंगें।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के उद्देश्य (Objectives of Digital India Program)-
- भारत को एक ज्ञान भविष्य के लिए तैयार करना।
- भारत में एक शीर्ष कार्यक्रम बनाना जो कई विभागों तक पहुँचे सके।
- परिवर्तन को सक्षम करने के लिए प्रौद्योगिकी को केंद्रीय बनाना।
- सरकारी सेवाएं बिना किसी कागजी सहायता के इलेक्ट्रॉनिक रूप से जनता तक पहुँच सके।
- ग्रामीण इलाकों तक हाई स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा को पहुंचाना है।
- सूचना तकनीकी के क्षेत्र को बढ़ावा देकर कार्यों में पारदर्शीता लाना।
- भ्रष्टाचार खत्म करना तथा समय की बचत करना।
- परिवर्तन को साकार करने के लिए महसूस करना- आई टी (इंडियन टैलेंट) + आई टी (इंफ्रोर्मेशन टेक्नोलॉजी) = आइ टी (इंडिया टुमौरो)
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के लाभ-
- भारत में भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
- सरकारी कार्य में पारदर्शिता आयेगी।
- समय की बचत होगी।
- कार्य करने में आसानी होगी।
डिजिटल इंडिया के 9 स्तम्भ-
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के 9 स्तम्भ निम्नलिखित है।-
- 1. ब्रॉडबैंड हाईवे
- 2. मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए सार्वभौमिक पहुँच
- 3. पब्लिक इंटरनेट एक्ससे कार्यक्रम
- 4. ई-गवर्नेंस- प्रौद्योगिकी के माद्यम से सरकार में सुधार
- 5. ई-क्रांति- सेवाओं की इलेक्ट्रानिक डिलीवरी
- 6. सभी के लिए सूचना
- 7. इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण
- 8. नौकरियों के लिए आईटी
- 9. अर्ली हार्वेस्ट कार्यक्रम
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के दृष्टि क्षेत्र-
- (I) प्रत्येक नागरिक के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर एक उपयोगिता के रूप में
- (II) मांग पर शासन और सेवाएं
- (III) नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण
(I) प्रत्येक नागरिक के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर एक उपयोगिता के रूप में-
- एक कोर उपयोगिता के रूप में उच्च गति का इंटरनेट सभी ग्राम पंचायतों में उपलब्ध कराया जाएगा।
- जीवन से मृत्यु तक डिजिटल पहचान- अद्वितीय, आजीवन, ऑनलाइन तथा प्रमाणिक
- मोबाइल फोन और बैंक खाता व्यक्तिगत स्तर पर डिजिटर तथा वित्तीय क्षेत्र में भाग लेने के लिए सक्षमता प्रदान करेगा।
- उनके इलाके में कॉमन सर्विस सेंटर खोला जाएगा।
- पब्लिक क्लाउड पर साझा करने योग्य निजी जगह।
- देश में निरापद तथा सुरक्षित साइबर-स्पेस।
(II) मांग पर शासन और सेवाएं-
- विभागों के पार एकीकृत सेवा जो एकल खिड़की के द्वारा सभी व्यक्तियों के लिए आसान पहुंच प्रदान करे।
- ऑनलाइन तथा मोबाइल प्लेटफार्मों से वास्तविक समय में सरकारी सेवाएं उपलब्ध करवाना।
- क्लाउड पर सभी नागरिक पात्रताओं की आसान पहुँच उपलब्ध हो।
- व्यापार करने की आसानी में सुधार के लिए सरकारी सेवाओं को डिजिटल रूप में परिणत करना।
- एक सीमा से अधिक वित्तीय लेनदेन को इलेक्ट्रॉनिक तथा कैशलेस बनाना।
- निर्णय समर्थन प्रणाली तथा विकास के लिए जीआईएस का उपयोग करना।
(III) नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण-
- यूनिवर्सल डिजिटल साक्षरता
- सभी डिजिटल संसाधन सर्वत्र सुलभ
- सभी सरकारी दस्तावेज या प्रमाण पत्र क्लाउड पर उपलब्ध करवाना।
- भारतीय भाषाओं में डिजिटल संसाधनों या सेवाओं की उपलब्धता।
- सहभागी शासन के लिए सहयोगात्मक डिजिटल प्लेटफॉर्म
- क्लाउड के माध्यम से व्यक्तियों की सभी पात्रताओं की पोर्टेबिलिटी