नैनो तकनीकी की समयरेखा (Timeline of Nano Technology)-
- रिचर्ड फाइनमेन (Richard Feynman)
- नोरिओ तानिगुची (Norio Taniguchi)
- अर्जित गेर्ड बिन्निग (Gerd Binnig) और हेनरिक रोहरर (Heinrich Rohrer)
- बकी बॉल (Bucky Ball) या बकमिनस्टर फुलरीन (Buckminster Fullerene)
- इंजिन्स ऑफ क्रिएशन (Engines of Creation)
- कार्बन नैनो ट्यूब (Carbon Nano Tube- CNT)
- नैनो प्रौद्योगिकी आधारित उत्पाद (Nano Technology Based Products)
- नैनो कार (Nano Car)
रिचर्ड फाइनमेन (Richard Feynman)-
- सन् 1959 में अमेरिकी वैज्ञानिक रिचर्ड फाइनमेन ने एक व्याक्यान दिया "देयर इज अ प्लेंटी ऑफ रूम एट दी बॉटम" (There is a Plenty of Room at The Bottom)
- "देयर इज अ प्लेंटी ऑफ रूम एट दी बॉटम" में रिचर्ड फाइनमेन ने बताया की कैसे स्वतंत्र परमाणुओं या अणुओं के साथ जोड़ तोड़ की प्रक्रिया से विज्ञान को नया आयाम दिया जा सकता है।
- रिचर्ड फाइनमेन के इस भाषण ने नैनो तकनीकी के क्षेत्र के लिए प्रेरणा प्रदान की थी।
नोरिओ तानिगुची (Norio Taniguchi)-
- सन् 1974 में टोक्यो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नोरियो तानिगुची ने सर्वप्रथम 'नैनो तकनीक' शब्द दिया था।
अर्जित गेर्ड बिन्निग (Gerd Binnig) और हेनरिक रोहरर (Heinrich Rohrer)-
- अर्जित गेर्ड बिन्निग और हेनरिक रोहरर भौतिक विज्ञान के वैज्ञानिक थे।।
- सन् 1981 में अर्जित गेर्ड बिन्निग और हेनरिक रोहरर ने स्कैनिंग टनलिंग माइक्रोस्कोप (Scanning Tunneling Microscope) का आविष्कार किया था।
- सन् 1982 में अर्जित गेर्ड बिन्निग (Gerd Binnig) और हेनरिक रोहरर (Heinrich Rohrer) ने एटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोप (Atomic Force Microscope) का आविष्कार किया था।
- स्कैनिंग टनलिंग माइक्रोस्कोप तथा एटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोप की सहायता से परमाणु या अणु के भीतर तक देख पाना तथा चित्र लेना संभव हुआ।
- IBM ज्यूरिख में अर्जित गेर्ड बिन्निग और हेनरिक रोहरर को माइक्रोस्कोप के आविष्कार के लिए सन् 1986 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
बकी बॉल (Bucky Ball) या बकमिनस्टर फुलरीन (Buckminster Fullerene)-
- सन् 1985 में अमेरिका के राइस विश्वविद्यालय (Rice University, USA) के वैज्ञानिकों ने बकी बॉल (Bucky Ball) या बकमिन्स्टर फुलरीन (Buckminster Fullerene) की खोज की और इसकी संरचना का पता लगाया।
- बकी बॉल या बकमिन्स्टर फुलरीन की खोज के लिए राइस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को सन् 1996 में रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया था।
इंजिन्स ऑफ क्रिएशन (Engines of Creation)-
- MIT (Massachusetts Institute of Technology) के वैज्ञानिक एरिक ड्रेक्स्लर (Eric Drexler) ने सन् 1986 में 'इंजिन्स ऑफ क्रिएशन' नाम पुस्तक लिखी थी।
- एरिक ड्रेक्स्लर की पुस्तक एंजिन्स ऑफ क्रिएशन ने आणविक नैनो टेक्नोलॉजी (Molecular Nano Technology) को विश्व विख्यात बनाया है।
कार्बन नैनो ट्यूब (Carbon Nano Tube- CNT)-
- सन् 1991 में जापान के वैज्ञानिक सुमियो इजिमा ने कार्बन नैनो ट्यूब का निर्माण किया था।
नैनो प्रौद्योगिकी आधारित उत्पाद (Nano Technology Based Products)-
- सन् 2000 में नैनो प्रौद्योगिकी आधारित उत्पाद बाजार में आए जैसे-
- (I) गोल्फ बॉल्स (Golf Balls)- ग्रेफीन की कोटिंग युक्त गोल्फ बॉल्स जो हवा में लहराए नहीं।
- (II) हल्के एवं मजबूत टेनिस रैकेट- कार्बन नैनो ट्यूब से निर्मित हल्के एवं मजबूत टेनिस रैकेट जिनमें मजबूती के साथ-साथ लोचशीलता भी थी।
- (III) स्क्रैच प्रूफ ऑटोमोबाइल बम्पर
- (IV) नैनो सिल्वर एंटी-बैक्टीरियल मोजे- नैनो सिल्वर एंटी-बैक्टीरियल मोजे दुर्गन्ध रहित मोजे है।
नैनो कार (Nano Car)-
- सन् 2006 में अमेरिका के राइस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक जेम्स टूर ने नैनो कार का निर्माण किया।
- जेम्स टूर के द्वारा विकसित नैनो कार में 4 बकी बॉल्स या बकमिन्स्टर फुलरीन परमाणु होते हैं।
- जेम्स टूर के द्वारा विकसित नैनो कार रक्त में गति करने में सक्षम है।