वाक्य शुद्धि-
निम्नलिखित अशुद्ध शब्दों को शुद्ध शब्दों में परिवर्तित किया गया है।-
अशुद्ध बाक्य | शुद्ध वाक्य |
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त्यौहार | त्योहार |
झौंपड़ी | झोंपड़ी |
अंताक्षरी | अंत्याक्षरी |
अन्तर्ध्यान | अन्तर्धान |
अंत्येष्ठि | अंत्येष्टि |
मिष्ठान्न | मिष्टान्न |
कनिष्ट | कनिष्ठ |
छीण | क्षीण |
महंगा | महँगा |
परलोकिक | पारलौकिक |
अनुदित | अनूदित |
आर्शिवाद | आशीर्वाद |
भरतरी | भर्तृहरि |
भागिरथी | भागीरथी |
कालीदास | कालिदास |
वाल्मीकी | वाल्मीकि |
नुपुर | नूपुर |
अनुग्रहीत | अनुगृहीत |
केबिनेट | कैबीनेट |
अक्षोहिनी | अक्षौहिणी |
रचेता | रचयिता |
भुजंगी | भुजंगी भुजंगिनी |
पिशाचिनी | पिशाची |
सप्ताहिक | साप्ताहिक |
स्वातंत्र | स्वातंत्र्य |
उपनिवेशक | औपनिवेशिक |
इतिहासिक | ऐतिहासिक |
पूज्यनीय | पूजनीय |
उज्जवल | उज्ज्वल |
प्रज्ज्वलित | प्रज्वलित |
बिभीषण | विभीषण |
दुरावस्था | दुरवस्था |
वेदेही | वैदेही |
निरोग | नीरोग |
सामर्थ | सामर्थ्य |
मनोकामना | मनःकामना |
कैलाश | कैलास |
सदोपदेश | सदुपदेश |
वेषभूशा | वेशभूषा |
निरपराधी | निरपराध |
अविस्कार | आविष्कार |
हिरणाकश्यप | हिरण्यकश्यप |
कोसल्या | कौशल्या |
त्रिमासिक | त्रैमासिक |
कवित्री | कवयित्री |
वेश्य | वैश्य |
उज्जयनी | उज्जयिनी |
वैस्या | वेश्या |
श्रृंगार | शृंगार |
शूर्पनखा | शूर्पणखा |
ओत्सुक्य | औत्सुक्य |
नवरात्रि | नवरात्र |
कीरीट | किरीट |
व्यवहारिक | व्यावहारिक |
गिरस्थी | गृहस्थी |
मुरारी | मुरारि |
हुकुमत | हुकूमत |
याज्ञवल्क | याज्ञवल्क्य |
हुतासन | बुताशन |
युधिष्ठर | युधिष्ठिर |
शुश्रुषा | शुश्रूषा |
लघुत्तर | लघूत्तर |
सम्राज्य | साम्राज्य |
पुनरावलोकन | पुनरवलोकन |
पैत्रिक | पैतृक |
संयासी | सन्नयासी संन्यासी |
भिखारिण | भिखारिन |
विदूषी | विदुषी |
प्रतिछवि | प्रतिच्छवि |
शताब्दि | शताब्दी |
पडौसी | पड़ोसी |
चिन्ह | चिह्न चिह्+न |
न्यौछावर | न्योछावर |
लाजवती | लाजवंती |
ज्योत्सना | ज्योत्स्ना ज्योत्+स्+न |
राजाभिषेक | राज्याभिषेक |
दवाईयाँ | दवाइयाँ |
मैथली | मैथिली |
कृत्यकृत्य | कृतकृत्य |
महातम्य | माहात्म्य |
गत्यावरोध | गत्यवरोध |
मँहगाई | महँगाई |
उच्छवास | उच्छ्वास उच्छ्+वास |
भगीरथी | भागीरथी |
आहूती | आहूति |
प्रोज्वल | प्रोज्ज्वल |
ईर्ष्यालू | ईर्ष्यालु |
मारूति | मारुति |
इप्सित | ईप्सित |
प्रामाणीकरण | प्रमाणीकरण |
तदोपरान्त | तदुपरान्त |
अभ्यार्थना | अभ्यर्थना |
पुर्नजन्म | पुनर्जन्म |
सौन्दर्यता | सौन्दर्य |
पकोड़ी | पकौड़ी |
कमलनी | कमलिनी |
नितिवान | नीतिवान |
अन्विती | अन्विति |
दोगुना | दुगुना |
आरण्य | अरण्य |
दंपति | दंपती |
अभ्योक्ति | अभ्युक्ति |
श्रीमति | श्रीमती |
ठुकराइन | ठकुराइन |
पत्नि | पत्नी |
घनिष्ट | घनिष्ठ |
अष्ठ | अष्ट |
ग्रहस्थ | गृहस्थ |
दृस्य | दृश्य |
खिजूर | खजूर |
जान्हवी | जाह्नवी जाह्+नवी |
अधोपतन | अधःपतन |
केकई | कैकेयी |
स्रष्टि | सृष्टि |
कुमुदनी | कुमुदिनी |
अपकीर्ती | अपकीर्ति |
कामनी | कामिनी |
प्रतिष्टा | प्रतिष्ठा |
कलेस | कलेश |
अस्प्रश्यता | अस्पृश्यता |
उपरोक्त | उपर्युक्त |
परीणति | परिणति |
उर्ध्व | ऊर्ध्व |
रसायनिक | रासायनिक |
श्रृंखला | शृंखला |
जेष्ठ | ज्येष्ठ |
आल्हाद | आह्लाद आह्+लाद |
दीरघायु | दीर्घायु |
आद्रता | आर्द्रता |
नछत्र | नक्षत्र |
आध्यातम | अध्यात्म |
अधिशाषी | अधिशासी |
अतिश्योक्ति | अतिशयोक्ति |
वैशिष्टय | वैशिष्ट्य वैशिष्ट्+य |
मध्यान्ह | मध्याह्न मध्याह्+न |
सहस्त्र | सहस्र |
प्रर्वतक | प्रवर्तक |
प्रार्दुभाव | प्रादुर्भाव |
अनुशंधान | अनुसंधान |
ओदार्य | औदार्य |
अनिभिग्य | अनभिज्ञ |
आधीन | अधीन |
पुनरूत्थान | पुनरुत्थान |
अभ्यारण | अभ्यारण्य |
आयुवैदिक | आयुर्वैदिक |
अनाधिकार | अनधिकार |
निमितिक | नैमित्तिक |
अहिल्या | अहल्या |
संश्लीष्ट | संश्लिष्ट |
शुद्धिकरण | शुद्धीकरण |
आरोज्ञ | आरोग्य |
वृद्धिकरण | वृद्धीकरण |
सूश्रूषा | शुश्रूषा |
प्रसंशा | प्रशंसा |
निर्व्यक्तिकता | निर्वैयक्तिकता |
दिवाली | दीवाली |
जिजीविशा | जिजीविषा |
एकत्रित | एकत्र |
औपचारीकता | औपचारिकता |
कृतग्य | कृतज्ञ |
अगरगन्य | अग्रगण्य |
माधुर्यता | माधुर्य |
सुसुप्ति | सुषुप्ति |
पुराणिक | पौराणिक |
सचिदानंद | सच्चिदानंद |
विशिष्ठ | विशिष्ट |
धातुष्मा | धातूष्मा |
प्रदर्शिनी | प्रदर्शनी |
पुरूस्कार | पुरस्कार |
जिव्हा | जिह्वा जिह्+वा |
चातुर्यता | चातुर्य |
लावण्यता | लावण्य |
स्वास्थ | स्वास्थ्य |
रीत्यानुसार | रीत्यनुसार |
पित्रानुमति | पित्रनुमति |
स्थाई | स्थायी |
धौबिन | धोबिन |
ओद्योगिकरण | औद्योगिकीकरण |
आंकाक्षा | आकांक्षा |
शुद्धी | शुद्धि |