भारत का नैनो मिशन (Nano Mission of India)-
- भारत में वर्ष 2001 से 2006 के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा नैनो विज्ञान व तकनीकी पहल की शुरुआत की गई।
नैनो विज्ञान एवं तकनीकी मिशन (Nano Science and Technology Mission- NSTM)-
- भारत में विज्ञान एवं प्रौद्यगिकी विभाग के द्वारा सन् 2007 में नैनो विज्ञान एवं तकनीकी मिशन (Nano Science and Technology Mission- NSTM) की शुरुआत की गई।
- NSTM को दो चरणों में शुरू किया गया था जैसे-
- (I) प्रथम चरण- वर्ष 2007- 2012 तक (11वीं पंचवर्षीय योजना)
- (II) दूसरा चरण- वर्ष 2012 से आगे
- NSTM के लिए सरकार ने प्रथम चरण में 1000 करोड़ रुपये का बजट आंवटित किया था।
- NSTM के लिए सरकार ने दूसरे चरण में 650 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था।
- भारत में NSTM के तहत 64 मिशन मोड परियोजना संचालित की गई।
- भारत में जब 64 मिशन मोड परियोजना संचालित की गई उस दौरान भारत में 23000 से भी ज्यादा रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए थे। तथा भारत नैनो विज्ञान एवं तकनीकी (Nano Science and Technology- NST) के क्षेत्र में रिसर्च पेपर प्रकाशन में विश्व में तीसरे स्थान पर आ गया।
- नैनो विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में रिसर्च पेपर प्रकाशन में विश्व में प्रथम स्थान अमेरिका का तथा दूसरा स्थान चीन का है।
- NSTM के तहत भारत ने जर्मनी, जापान, रूस, इटली आदि देशों के साथ मिलकर NST के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग व अनुसंधान को बढ़ावा दिया गया।
- नैनो विज्ञान एवं नैनो तकनीकी पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 'ICONSAT 2020' कोलकाता (भारत) में मार्च 2020 में आयोजित किया गया।
नैनो मिशन परिषद (Nano Mission Council- NMC)-
- NSTM की नोडल एजेंसी के रूप में विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग तथा इसके क्रियान्वयन के लिए नैनो मिशन परिषद (Nano Mission Council) का गठन किया गया।
- नैनो मिशन परिषद की सहायता के लिए 2 सलाहकारी समूह बनाए गए जैसे-
- (I) नैनो विज्ञान सलाहकारी समूह (Nano Science Advisory Group- NSAG)
- (II) नैनो अनुप्रयोग और प्रौद्योगिकी सलाहकारी समूह (Nano Applications & Technology Advisory Group- NATAG)
- नैनो मिशन परिषद के अध्यक्ष भारत रत्न प्रोफेसर सीएनआर राव (C.N.R. Rao) है।
- भारत में नैनो टेक्नोलॉजी का जनक या पिता (Father of Nano Technology in India) प्रोफेसर सीएनआर राव है।
नैनो विज्ञान एवं तकनीकी मिशन के उद्देश्य (Objectives of NSTM)-
- 1. नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Nano Science & Technology- NST) से संबंधित आधारभूत ढांचे का विकास करना।
- 2. NST के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाना।
- 3. NST के क्षेत्र में निजी क्षेत्र व सार्वजनिक निजी भागीदारी (Public Private Partnership- PPP) को प्रोत्साहन देना।
- 4. NST के क्षेत्र में अनुसंधान एंव विकास (Research & Development) को बढ़ावा देना।
- 5. NST के क्षेत्र में मानव संसाधन का कौशल विकास व प्रशिक्षण।
- 6. NST के क्षेत्र में अनुप्रयोगों के विकास के लिए अकादमी इंडस्ट्री सहभागिता (Academy Industry Partnership) को प्रोत्साहन देना।
- 7. NST के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
NSTM के तहत स्थापित उत्कृष्टता केंद्र-
- NSTM के तहत भारत में 14 संस्थाओं में 19 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए जैसे-
- (I) नैनो विज्ञान के लिए 11 उत्कृष्टता केंद्र
- (II) नैनो तकनीकी के लिए 7 उत्कृष्टता केंद्र
- (III) पदार्थ विज्ञान के लिए 1 उत्कृष्टता केंद्र
- 19 उत्कृष्टता केंद्रों में से प्रमुख केंद्र निम्नलिखित है।-
- (I) IIT मद्रास
- (II) IIT मुंबई
- (III) IIT दिल्ली
- (IV) IIT कानपुर
- (V) IIT BHU
- (VI) IISC बेंगलुरु
- (VII) TIFR बॉम्बे
नैनो तकनीकी के क्षेत्र में अन्य संस्थाएं (NSTM के तहत नहीं)-
- (I) CSIR- Council of Scientific and Industrial Research (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली)
- (II) INST (Mohali, Punjab)- Institute of Nano Science and Technology (नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, मोहाली, पंजाब)