कोटा का चौहान वंश

कोटाकोटा में चौहान वंश की हाड़ा शाखा का शासन था।


कोटा के चौहान वंश के प्रमुख राजा-

  • 1. माधोसिंह
  • 2. मुकुन्द सिंह
  • 3. भीम सिंह
  • 4. उम्मेद सिंह
  • 5. किशोर सिंह-II
  • 6. राम सिंह-II


1. माधोसिंह-

  • पिता- रतनसिंह (बूंद का राजा)
  • 1631 ई. में दिल्ली के शासक मुगल बादशाह शाहजहाँ ने बूंदी राज्य का विभाजन कर कोटा राज्य की स्थापना की तथा माधोसिंंह को कोटा का स्वतंत्र राजा घोषित कर दिया था।
  • मध्य एशियाई अभियान (आक्रमण) की सफलता के बाद शाहजहाँ ने माधोसिंह को 'बाद रफतार' नामक घोड़ा भेंट किया था।
  • जहांगीर ने बूंदी के राजा रतनसिंह को रामराज तथा सरबुलन्दराज नामक दो उपाधियां दी।


2. मुकुन्द सिंह-

  • धरमत के युद्ध में दाराशिकोह की तरफ से लड़ता हुआ मारा गया।
  • निर्माण- (I) कोटा में अबली मीणी महल का निर्माण करवाया।


3. भीम सिंह-

  • अनुयायी- वल्लभ संप्रदाय
  • खुद का नाम बदलकर कृष्णदास कर लिया।
  • कोटा का नाम बदलकर नन्दग्राम कर दिया।
  • निर्माण- (I) बारा में सांवरिया जी का मंदिर बनवाया।
  • मुगल बादशाह फर्रूखसियर के कहने पर भीम सिंह ने बूंदी पर आक्रमण कर दिया तथा बूंदी के राजा बुद्ध सिंह को हरा दिया था।
  • बूंदी का नाम बदलकर फर्रूखाबाद कर दिया।
  • बूंदी के किले से धूलधाणी तथा कडकबिलजी नामक दो तोपों का उठाकर अपने साथ कोटा ले गया था।
  • फर्रूखसियर ने भीम सिंह को शेरगढ़ का किला दिया।
  • शेरगढ़ किले (बारा) का नाम बदलकर बरसाना कर दिया।


4. उम्मेद सिंह-

  • 1817 ई. में अंग्रेजों के साथ संधि कर ली।
  • फरवरी 1818 ई. में अंग्रेजों ने कोटा के साथ पूरक संधि की।
  • संंधि करने के बाद संधि में बदलाव करना या दो बार संधि करना पूरक संधि कहलाता है।
  • इसके समय कोटा का दीवान (प्रधानमंत्री) जालिम सिंह झाला था।


अंग्रेजों तथा कोटा के मध्य पूरक संधि की शर्ते-

  • अंग्रेजों तथा कोटा के राजा उम्मेद सिंह के मध्य 1817 में हुई संधि में ही 1818 में दो बाते ओर जुड़वायी गई थी जिसे पूरक संधि कहा गया था वे दो बाते निम्नलिखित है-
  • (I) पूरक संधि के अनुसार उम्मेद सिंह तथा उम्मेद सिंह के वंशज ही हमेशा कोटा के राजा बनेंगे तथा कोटा का दीवान (प्रधानमंत्री) जालिम सिंह झाला तथा जालिम सिंह झाला के वंशज को ही हमेशा कोटा का दीवान नियुक्त किया जायेगा।
  • (II) कोटा की सारी शक्तियां दीवान को दी जायेंगी। (राजा के पास कोई शक्ति नहीं होगी)


5. किशोर सिंह-II

  • मांगरोल का युद्ध-
  • किशोर सिंह-II (❌) Vs जालिस सिंह झाला (✅)
  • स्थान- मांगरोल, बारा
  • युद्ध वर्ष- 1821 ई.
  • युद्ध में अंग्रेजों ने जालिम सिंह झाला का साथ दिया।
  • युद्ध में अंग्रेजों की तरफ से कर्नल जेम्स टाॅड जालिम सिंह झाला का साथ देने आया था।


6. राम सिंह-II

  • 1838 ई. में अंग्रेजों ने कोटा रियासत का विभाजन कर झालावड़ रियासत की स्थापना की।
  • कोटा विभाजन के बाद अंग्रेजों ने मदन सिंह झाला को झालावड़ का स्वतंत्र राजा घोषित कर दिया।
  • मदन सिंह झाला जालिम सिंह झाला का पोता था।
  • झालावाड़ की राजधानी झालरापाटन को बनाया गया।
  • झालावाड़ राजस्थान की सबसे अंतिम रियासत थी।
  • झालावाड़ के बाद राजस्थान में कोई भी अन्य रियासत नहीं बनायी गयी थी।


झालरापाटन-

  • वर्तमान में झालरापाटन राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्थित एक शहर है।
  • झालरापाटन शहर चन्द्रभागा नदी के किनारे बसा हुआ है।
  • झालरापाटन को घंटियों का शहर भी कहा जाता है।


हाड़ौती क्षेत्र- राजस्थान के बूंदी तथा कोटा में चौहानों की हाड़ा शाखा का शासन होने के कारण बूंदी तथा कोटा के क्षेत्र को हाड़ौती क्षेत्र कहते हैं।

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