उपसर्ग

उपसर्ग


उपसर्ग की परिभाषा-

  • वे शब्दांश जो मूल शब्द के पहले जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं या मूल शब्द के पहले जुड़कर शब्द के अर्थ में विशेषता ला देते हैं उन्हें उपसर्ग कहते हैं। जैसे-
  • दुर्व्यवहार = दुर + वि + अव + हार (दुर्व्यवहार शब्द में 'हार' मूल शब्द है तथा तीन उपसर्ग- दुर, वि, अव)
  • अस्वाभाविक = अ + स्व + भाव + इक (अस्वाभाविक शब्द में 'भाव' मूल शब्द है तथा उपसर्ग-अ, स्व है तथा प्रत्यय- इक है।)
  • अव्यवस्था = अ + वि + अव + स्था (अव्यवस्था शब्द में 'स्था' मूल शब्द है तथा उपसर्ग- अ, वि, अव है।)
  • अप्रत्याशित = अ + प्रति + आशा + इत (अप्रत्याशित शब्द में 'आशा' मूल शब्द है तथा उपसर्ग- अ, प्रति है तथा प्रत्यय- इत है।)
  • पर्यावरण = परि + आ + वरण (पर्यावरण शब्द में 'वरण' मूल शब्द है तथा उपसर्ग- परि, आ है।)
  • अध्यात्म = अधि + आत्म (अध्यात्म शब्द में आत्म मूल शब्द है तथा उपसर्ग- अधि है।)
  • अत्यन्त
  • प्रत्याशा
  • स्वागत
  • अन्वेषण
  • संसार
  • उद्धार


टिप्पणी-

  • यदि किसी शब्द से उपसर्ग को अलग किया जाता है तो मूल शब्द नष्ट नहीं होना चाहिए।
  • यदि किसी शब्द से उपसर्ग को अलग करते हैं और मूल शब्द नष्ट हो जाता है तो वह उपसर्ग नहीं माना जाता है।
  • उपसर्ग में सन्धि से नियम भी काम करते हैं। लेकिन प्रत्यय में सन्धि का कोई नियम काम नहीं करता है।


उपसर्ग के भेद-

  • उपसर्ग के तीन भेद होते हैं। जैसे-
  • (1) संस्कृत के उपसर्ग
  • (2) हिन्दी के उपसर्ग
  • (3) विदेशी उपसर्ग


(1) संस्कृत के उपसर्ग-

  • संस्कृत में उपसर्ग की संख्या कुल 22 होती है। जैसे-
  • अव, अप, अति, अधि, अभि, अपि, अनु, आ, उत्, उप, दुर्, दुस्, नि, निर्, निस्, प्र, प्रति, परा, परि, वि, सु, सम्


संस्कृत के उपसर्ग, उपसर्ग का अर्थ तथा उपसर्ग के योग से बनने वाले शब्द निम्नलिखित है।-

उपसर्गअर्थयौगिक शब्द
अवबुराअवगुण
अवतार
अवनति
अवशेष
अवधारणा
अपबुरा
या
विपरीत
अपमान
अपयश
अपकीर्ति
अपशब्द
अपहरण
अपशकुन
अतिअधिकअत्यन्त
अत्यधिक
अत्याचार
अत्युक्ति
अतिरिक्त
अतिक्रमण
अधिऊपर
या
श्रेष्ठ
अध्यक्ष
अध्यादेश
अध्यात्म
अधिकार
अधिनियम
अधिसूचना
अभिपास
या
सम्मुख
अभ्युदय
अभ्यर्थी
अभीष्ट
अभिमान
अभिभाषण
अपिभीअपिहित
अपिधान
अनुपीछेअन्वय
अन्वेषण
अन्विति
अनुशासन
अनुकरण
तक
या
सीमा
आजीवन
आमरण
आरक्षण
आहार
उत्ऊपर
या
श्रेष्ठ
उन्नति
उल्लेख
उद्धार
उज्ज्वल
उच्छासन
उपपास
या
समीप
उपसर्ग
उपवन
उपकार
उपहार
उपदेश
दुर्बुरा
या
कठिन
दुरवस्था
दुरुपयोग
दुराश
दुर्घटना
दुर्गति
दुर्जन
दुर्बल
दुस्बुरा
या
कठिन
दुश्शासन
दुष्फल
दुस्साहस
निअभाव
या
रहित
न्यून
न्याय
न्यास
निडर
निबन्ध
निर्अभाव
या
रहित
निराशा
निराहार
निरर्थक
निरपराध
निर्धन
निर्मल
निर्बल
निर्जन
प्रप्रबलप्रबल
प्रगति
प्रचार
प्रसार
प्रमाण
प्रणाम
प्रतिप्रत्येक
या
विपरीत
प्रत्येक
प्रत्याशा
प्रत्यक्ष
प्रतिदिन
प्रतिकूल
प्रतिध्वनि
पराउल्टापराजय
पराभव
पराक्रम
पराकाष्ठा
परिचारों ओरपर्यावरण
पर्यटन
परिक्रमा
परिपूर्ण
परिमाण
परिणाम
विविशेष
या
भिन्न
व्यय
व्यायाम
व्यधि
विख्यात
विजय
विशेष
वीक्षक
सुअच्छास्वागत
स्वच्छ
सुपुत्र
सुगन्ध
सुमन
सुशील
सम्अच्छी तरहसंसार
संवाद
संहार
संज्ञा
संयुक्त
संलग्न
सम्मुख
समाचार
अन्अभाव
या
रहित
अनुचित
अनुपमा
अनिच्छा
अनुपस्थित


(2) हिन्दी के उपसर्ग-

  • हिन्दी के उपसर्ग जैसे- अ, अन, कु, भर, अध, बिन, स, सम


हिन्दी के उपसर्ग, हिन्दी उपसर्ग का अर्थ तथा हिन्दी उपसर्ग से योग से बनने वाले शब्द निम्नलिखित है।-

उपसर्गअर्थयौगिक शब्द
अभाव
या
रहित
अभाव
अखण्ड
अज्ञान
अजर
अमर
अनअभाव
या
रहित
अनपढ़
अनजान
अनबन
अनहोनी
अनमोल
कुबुराकुपुत्र
कुख्यात
कुरीति
कुमार्ग
कुकर्म
भरपूराभरपेट
भरमार
भरपाई
भरसक
अधआधाअधमरा
अधचला
अधजला
अधपका
अधखिला
अधकचरा
बिनबिनाबिनखाया
बिनबुलाया
बिनमांगा
बिनबोया
सहित
या
अच्छा
सहित
सपरिवार
सपूत
सफल
सबल
समसमानसमतल
समकक्ष
समकालीन
समकोण
समरूप


(3) विदेशी उपसर्ग-

  • विदेशी उपसर्ग जैसे- बे, खुश, बद, ला, हर, हम, गैर, ना


विदेशी उपसर्ग, विदेशी उपसर्ग का अर्थ तथा विदेशी उपसर्ग से बनने वाले शब्द निम्नलिखित है।-

उपसर्गअर्थयौगिक शब्द
बेअभाव
या
रहित
बेघर
बेईमान
बेईजत
बेसहारा
बेवफा
खुशअच्छा
खुशबू
खुशकिसमत
खुशनसिब
खुशमिजाज
बदबुराबदबू
बदनाम
बदकिस्मत
बदनसीब
बदसुरत
लाअभाव
या
रहित
लाइलाज
लाजवाब
लापता
लापरवाह
लावारीस
हरप्रत्येकहरपल
हरघड़ी
हरवक्त
हररोज
हरसाल
हमसाथहमसफर
हमदर्द
हमराज
हमवतन
हमराही
गैरअभाव
या
रहित
गैरहाजिर
गैकानूनि
गैरकाॅम
नानहींनालायक
नाजायज
नासमझ
नाराज
नापसन्द
नाउम्मीद


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