स्वर सन्धि

स्वर सन्धि


स्वर सन्धि की परिभाषा-

  • परस्पर स्वर का स्वर के साथ मेल होने पर जो विकार उत्पन्न होता है उसे स्वर सन्धि कहते हैं। अर्थात् दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार (परिवर्तन) को ही स्वर सन्धि कहते हैं। जैसे-
  • देव + आलय = देवालय
  • रमा + ईश = रमेश
  • भौ + उक = भावुक
  • यदि + अपि = यद्यपि (यद् यपि)
  • एक + एक = एकैक

  • विद्या + आलय = विद्यालय


स्वर सन्धि के भेद-

  • स्वर सन्धि के पाँच भेद है। जैसे-
  • 1. दीर्घ स्वर सन्धि
  • 2. गुण स्वर सन्धि
  • 3. वृद्धि स्वर सन्धि
  • 4. यण् सन्धि
  • 5. अयादि सन्धि


महत्वपूर्ण लिंक (Important Link)-

  • 1. दीर्घ स्वर सन्धि
  • 2. गुण स्वर सन्धि
  • 3. वृद्धि स्वर सन्धि
  • 4. यण् सन्धि

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